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गोदना कला

Updated: Jul 15, 2022


ग्रामीण महिलाओं का श्रंगार और पहचान, 'गोदना ' शरीर में नुकीली सुई से तरह-तरह के आकार बनाने की प्रक्रिया है। खासकर अनुसुचित जनजाति या आदिवासी औरतों में गोदना सबसे ज्यादा देखा जाता है। गोदना राजस्थान, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, उङीसा, छत्तीसगढ़, झारखंड, त्रिपुरा और केरल में खास रुप से प्रचलित है। 

गोदना कला

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गोदना समाजिक पहचान के लिए ही नहीं, सारिरिक अलंकरण का बेहद अनुठा तरीका है। गोदना किशोरियों के लिए प्रतीक है कि विवाहित जीवन का प्रारंभ होने वाला है।

गोदना अपने विचारों को एक रूप देने का अमिट मौका है।


गोदना कला

sourced from: https://www.ishankhosla.com/sites/default/files/styles/project_pages/public/godna-tribal-typeface-13-10-16-0.jpg?itok=yQn7PzVD


गोदना के कई तरह के प्रतिरूप है जो हर एक को सांस्कृतिक रूप से अलग करता है। ओराओं जनजाति की महिलाएं ललाट में तीन रेखा खींचती है, भील जनजाति की औरतें एक खास तरह के पंछी का गोदना दोनो आंखों के समीप करती हैं और वहीं बैगा जनजाति की महिलाएं बीच माथे में 'v' जैसी आकृति गोदवाती हैं। फूल, ज्यामितिक आकृति तथा बिच्छू, मोर , हाथी इत्यादि सभी जनजातियों में लोकप्रिय और प्रधान प्रतिरूप है।


गोदना कला

sourced from: https://www.indiaculture.nic.in/sites/default/files/events/DSC_7374_0.JPG


आमतौर पर छोटी बच्चियाँ शरीर में बिंदु , किशोरी फूलों की आकृति तथा वही ज्येष्ठ महिलाएं बिच्छू, मोर तथा फूलों जैसी आकृति टखने, कंधे या हाथों पर उकेरना पसंद करती हैं।

आधुनिकीकरण का प्रभाव गोदना कला में भी पङा है, जिसके कारण गोदना शैली का विस्तार शरीर से कागज, कपङे और कैनवास की तरफ प्रत्यक्ष है।


गोदना कला

sourced from: https://dalitfoundation.files.wordpress.com/2016/03/motif19.jpg


छत्तीसगढ़ से गोदी गोदना , मध्य प्रदेश से बङी गोदना और बिहार से मधुबनी गोदना, गोदना चित्रकला के प्रमुख उदाहरण है । मधुबनी गोदना कलाकार फूल, पत्ते, बीज से मिले सार तथा गोबर से रंगा जाता है। हालांकि अब खरीदे हुए पाउडर रंगों को बकरी के दूध में मिलाकर इस्तेमाल किया जाने लगा है। गोदना के इस्तेमाल से कुर्ता, साङी , चादर भी बनाया जाने लगा है जो कि पिछङे जनजाति के लिए अब कमाई का जरिया है।


छत्तीसगढ़ से गोदी गोदना , मध्य प्रदेश से बङी गोदना और बिहार से मधुबनी गोदना, गोदना चित्रकला के प्रमुख उदाहरण है ।

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गोदना प्राचीन काल से ही लोगों को अपने संस्कृति तथा सभ्यता से जोड़ने का काम करते आया है। खासतौर से महिलाओं को पहचान देती यह कला अनुपम है।


Author: Tanya Saraswati Editor: Rachita Biswas

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